लीओन त्रौत्स्की (1940)
मेरा उच्च रक्तचाप (जो कि बढ़ता जा रहा है) मेरी वास्तविक स्थिति के बारे में आस-पास के लोगों को भ्रम में डाले हुए है. मैं सक्रीय हूँ और काम करने में सक्षम हूँ परन्तु वास्तविक परिणाम निकट हैं. इन पंक्तियों को मेरे मरने के बाद सार्वजनिक किया जाएगा.
मुझे एक बार फिर से स्टालिन और उसके एजेंटों के मूर्ख और घृणित करतूतों की आलोचना करने की जरूरत नहीं है: मेरे क्रांतिकारी सम्मान पर कोई भी धब्बा नहीं लगा है. मैं, प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः, कभी भी सर्वहारा वर्ग के शत्रुओं के साथ छिपे हुए समझौतों अथवा मोलभावों में शामिल नहीं हुआ. स्टालिन के हज़ारों विरोधी इसी प्रकार क झूठे आरोपों से पीड़ित हैं. नयी क्रांतिकारी पीढियां अपने राजनैतिक सम्मान को बरकार रखेंगी और क्रेमलिन के कातिलों से स्वेक्षानुसार निपटेंगी.
मैं उन सभी दोस्तों का आभार व्यक्त करता हूँ जो मेरी ज़िन्दगी के मुश्किल क्षणों में मुझे वफादार रहे. मैं विशेष रूप से किसी का नाम नहीं लूँगा क्योंकि मैं यहाँ उन सभी के नाम एक साथ नहीं गिना सकता.
तथापि, मैं अपनी सहचरी नतालिया इवानोवना सेडोवा के मामले में खुद को एक अपवाद पाता हूँ. समाजवाद के योद्धा होने की ख़ुशी के अतिरिक्त, मुझे नियति ने उसका पति होने की ख़ुशी बख्शी है. इन चालीस सालों के साथ के दौरान वो प्यार, उदारता और कोमलता का अथक स्त्रोत बनी रहीं. उन्होंने कई मुसीबतें झेलीं हैं, खासतौर पर हमारे जीवन के अंतिम दौर में. लेकिन मुझे इस बात से रहत मिलती है की वो ख़ुशी के दिनों को याद रखती हैं.
अपने सजग जीवन के तैंतालीस सालों तक मैं एक क्रांतिकारी की भूमिका निभाता रहा, उनमें से बयालीस साल मार्क्सवाद के झंडे टेल लड़ते हुए बीते हैं. यदि मुझे इन सब को एक बार फिर दोहरान पड़े तो बेशक मैं चंद गलतियाँ ठीक करने की कोशिश करूंगा लेकिन मेरी ज़िन्दगी की मुख्यधारा अपरिवर्तित रहेगी. मैं एक मार्क्सिस्ट, द्वंदात्मक भौतिकवादी, और इसके परिणामस्वरूप एक कट्टर नास्तिक के रूप में मरना चाहूँगा. मानवता के साम्यवादी भविष्य पर मेरा विशवास कहीं से भी कम उत्साहजनक नहीं है, बल्कि ये आज उससे भी ज्यादा मज़बूत है जितना की युवावस्था में था.
अभी-अभी नताशा आंगन से खिड़की तक आई हैं और उसे और अधिक खोल दिया है ताकि मेरे कमरे में हवा ज्यादा आसानी से प्रवेश क्र सके. मैं यहाँ से दीवार के नीचे घास के हरी पट्टी को, दीवार के ऊपर साफ़ नीले आसमान को, और सब तरफ फैले प्रकाश को देख सकती हूँ. उम्मीद करता हूँ भावी पीढ़ी इन सब पर से सभी तरह की बुराइयों, शोषण और हिंसा को साफ़ कर सके.
लीओन त्रौत्स्की
मेक्सिको, फरवरी 27, 1940
बाद में 3 मार्च 1940 को इसमें एक प्रतिलिपि जोड़ी गयी, जो की उनकी बीमारी की किसी भी गम्भीर अवस्था से जुड़ी हुयी है, इन पक्तियों के साथ के साथ खत्म होती हैं:
“... लेकिन मेरी मौत की जो भी परिस्थितियाँ हों, मैं साम्यवादी भविष्य पर अपने दृढ़ विश्वास के साथ मरूंगा. मनुष्य व मानव भविष्य के ऊपर यह विश्वास मुझे अभी भी ऐसी प्रतिरोधक क्षमता देता है जो किसी भी धर्म से नहीं मिल सकता.”
Date Written: 27 February 1940
Author: Leon Trotsky
Title: Testament of Leon Trotsky.